Hindi Poems on Life : Poems that Illuminate Life’s Path

Hindi Poems on Life ( हिंदी कविता जीवन पर ): Friends, today in this post a collection of some of the best poems based on life has been given. This poem best identifies and explains the truth and importance of life.

दोस्तों इस जीवन के भाग दौड़ में हम कब जिन्दगी भर का सफ़र तय कर लेते हैं. हमें पता ही नहीं चलता हैं. तो हम लेकर आए हैं कुछ खास आपके लिए जिंदगी पर आधारित 35+ बेहतरीन कविताएं हिंदी में। इन कविताओं में कवि ने बहुत ही बेहतरीन तरीके से जीवन का वर्णन किया है। हम उम्मीद करते है आपको यह जिंदगी पर हिंदी कविता (Hindi Poems on Life) पसंद आएगी।

Allama Iqbal Shayari Nida Fazli Poetry Firaq Gorakhpuri Shayari


Hindi Poems On Life Inspiration

कोई जगह होगी, जहाँ से न जाना होगा,
इस परिंदे का कहीं तो आशियाना होगा।

न जाने किस शय का मुन्तज़िर है अब,
न जाने किस ओर अब ठिकाना होगा।

कई चेहरों सा दिखने लगा है अब चेहरा,
शायद इस लिए उसने न पहचाना होगा।

देख कर मुझे भी उतनी ही हैरत होती है,
आईना भी मेरी तरह बहोत पुराना होगा।

अब तू ही कुछ बोल बेचैन दिल मेरे,
क्या फिर से मुझे सब कुछ बताना होगा?

Hindi Poems On Life Inspiration
Hindi Poems On Life Inspiration

कल एक झलक ज़िंदगी को देखा,
वो राहों पे मेरी गुनगुना रही थी,

फिर ढूँढा उसे इधर उधर
वो आंख मिचौली कर मुस्कुरा रही थी

एक अरसे के बाद आया मुझे क़रार,
वो सहला के मुझे सुला रही थी

हम दोनों क्यूँ ख़फ़ा हैं एक दूसरे से
मैं उसे और वो मुझे समझा रही थी,

मैंने पूछ लिया- क्यों इतना दर्द दिया कमबख्त तूने,
वो हँसी और बोली- मैं जिंदगी हूँ पगले तुझे जीना
सिखा रही थी..।

Poem on truth of life in hindi
Poem on truth of life in hindi

तू वो चाँद है….
जिसको मैं पाना नहीं चाहती, “

लेकिन.. तुजे देखने का…..
एक भी मौका गँवाना नहीं चाहती..

तुम्हें दुर से चाहना मंजूर है मुझे,
मेरी इस इबादत पर गुरुर है मुझे,

तुम्हें अपने लफ़्ज़ों में छुपाकर रखूं मैं,
अपनी शायरी में बसा कर रखूँगी,

चाँद सा है तू. तेरी चाँदनी नही,
मैं खुद को जमी बना कर रखूँगी…!!

Poems About life in Hindi
Poems About life in Hindi

Poem on truth of life in hindi

एक चेहरा जो मेरे ख़्वाब सजा देता है।
मुझे खुश रहने की वजह देता है,

वो मेरा कौन है, मालूम नहीं लेकिन
जब भी मिलता है, पहलू में जगह देता है,

मैं जो कभी अन्दर से टूट कर बिखरू
वो मुझे थामने के लिए हाथ बढ़ा देता है,

मैं जो तन्हा कभी चुपके से रोना भी चाहूं
वो दिल का दरवाज़ा खटखटा देता है,

उसकी बातों में जाने कैसा जादू है।
एक ही पल में सदिया भुला देता है..

Hindi Poetry on Life
Hindi Poetry on Life

हमें भी प्यार करना आ गया है।
कि जीने का सलीक़ा आ गया है।

तुम आने वाले थे ना जनवरी में
दिसंबर का महीना आ गया है।

वो आमादा हुए क्यों ख़ुदकुशी पर
जो कहते थे कि जीना आ गया है।

ख़ुशी अब जीत की दूँगी मैं उसको
मुझे अब हार जाना आ गया है।

कहो क्यों ज़ख़्म पर मरहम लगाऊँ
जब इसका लुत्फ़ लेना आ गया है

तुझे ग़म दे के ख़ुश होती है दुनिया
‘तबस्सुम’ क्या ज़माना आ गया है.।

Best Short Kavita In Hindi
Best Short Kavita In Hindi

कभी अपनी हंसी पर आता है गुस्सा ।
कभी सारे जहां की हंसाने का दिल करता है ।।

कभी छुपा लेते है गम की दिल के किसी कोने में।
कभी किसी को सब कुछ सुनाने का दिल करता है ।।

कभी रोते नही लाख दुःख आने पर भी ।
और कभी यूँ ही आंसू बहाने को दिल करता है।

कभी अच्छा सा लगता है आज़ाद घूमना, लेकिन कभी
किसी की बाहों में सिमट जाने को दिल करता है।।

कभी कभी सोचते है नया हो कुछ जिंदगी में।
और कभी बस ऐसे ही जिये जाने को दिल करता है ।।

Hindi Poems on Zindagi
Hindi Poems on Zindagi

Poems About life in Hindi

ज़िन्दगी की दौड़ में,
तजुरबा कच्चा ही रह गया….।

हम सीख न पाये ‘फ़रेब
और दील बच्चा ही रह गया…।

बचपन में जहाँ चाहा हंस लेते थे,
जहाँ चाहा से लेते थे…।

पर अब मुस्कान को तमीज़ चाहिए
और आँसुओं को तन्हाई… |

हम भी मुस्कुराते थे कभी बेपरवाह अन्दाज़ से
देखा है आज खुद को कुछ पुरानी तस्वीरों मैं ….

चलो मुस्कुराने की वजह डुढते है तुम हमें ढूँढो,
हम तुम्हें ढूँढते है….।

Hindi Poems On Life by famous poets

Hindi Kavita On Life
Hindi Kavita On Life

चेहरे की हसी दिखावट सी हो रही है
असल ज़िन्दगी भी बनावत सी हो रही है

अनबन बढ़ती जा रही रिश्तों में भी
अब अपनों से भी बग़ावत सी हो रही है

पहले ऐसा था नहीं जैसा हूँ आजकल
मेरी कहानी कोई कहावत सी हो रही है।

दूरी बढ़ती जा रही मंज़िल से मेरी
चलते चलते भी थकावट सी हो रही है

शब्द कम पड़ रहे मेरी बातों में भी
ख़ामोशी की जैसे मिलावट सी हो रही है

और मशवरे की आदत न रही लोगो को
अब गुज़ारिश भी शिकायत सी हो रही है ।

Life Poems in Hindi
Life Poems in Hindi

घर की पुरानी दीवारों सा,
अब ढहने लगा है आदमी !

बहुत ढो चुका रिश्तों का बोझ,
अब दबने लगा है आदमी !

ज़िन्दगी के हादसों में टूटकर
बिखरने लगा है आदमी !

अपनों में रहकर भी अजनबी
सा लगने लगा है आदमी !

घर की पुरानी दीवारों सा,
अब ढहने लगा है आदमी !

Hindi Poetry on Life
Hindi Poetry on Life

बढ़ रहे है मेरे कदम तेरी आवाज की तरफ
चला जा रहा हूं तेरे पैरों के निशान की तरफ

खींच लाई है तेरी याद आज फिर से मुझको
जो मर चुके थे मेरे अंदर उन एहसास की तरफ

मैने आज तक कभी भी नही की पीठ जाना
जिस पर लगी है तेरी तस्वीर उस दीवार की तरफ

फिर रुकते नही है तब बहने से आसूं मेरे
जब जाता है ध्यान हमारे टूटे हुए ख्वाब की तरफ

भर जाता है जब मन शहर की भागती दौड़ती जिंदगी से
पकड़ता हूं बस और चल पड़ता हूं तेरे गांव की तरफ

आज भी तड़पती है मेरी मोहब्बत तेरी मोहब्बत को
आज भी झुकता है मेरा सिर तेरे मकान की तरफ..।

Hindi Poems On Life Inspiration
Hindi Poems On Life Inspiration

Hindi Poems On Life Inspiration

खुद को में समझाऊं कैसे
बातें तुम्हारी भुलाऊं कैसे।

दूरियाँ जो तुमने बना ली
उन्हें अब में मिटाऊं कैसे ॥

साँसे चल रही तेरे नाम की
उनका शोर सुनाऊं कैसे।

दिल में तुम्हे छुपा के रखा
हाल ए दिल बताऊँ कैसे।।

आँखों में तस्वीर तुम्हारी
आँसुओं में बहाऊँ कैसे।

तुम्हें अपना खुदा माना
जुदा फिर हो जाऊँ कैसे..

Poem on truth of life in hindi
Poem on truth of life in hindi

Poem on truth of life in hindi

दरिया का सारा नशा उतरता चला गया
मुझको डुबोया और मैं उभरता चला गया

वो पैरवी तो झूट की करता चला गया
लेकिन बस उसका चेहरा उतरता चला गया

हर साँस उम्र भर किसी मरहम से कम न थी
मैं जैसे कोई ज़ख्म था बढ़ता चला गया

हद से बढ़ी उड़ान की ख़्वाहिश तो यूं लगा
जैसे कोई परों को कुतरता चला गया

मंज़िल समझ के बैठ गये जिनको चंद
लोग मैं ऐसे रास्तों से गुजरता चला गया

दुनिया समझ में आई मगर आई देर से
कच्चा बहुत था रंग उतरता चला गया.!

Best Short Kavita In Hindi
Best Short Kavita In Hindi

Poems About life in Hindi

जो छूट गया उसका क्या मलाल करें,
जो हासिल है, चल उस से ही सवाल करें |

बहुत दूर तक जाते हैं, याँदो के क़ाफ़िले,
फिर क्यों पुरानी यादो मे सुबह से शाम करें।

माना इक कमी सी है, जिंदगी थम सी हैं,
पर क्यों दिल की धड़कनों को दरकिनार करें !!

मिल ही जाएगा जीने का कोई नया बहाना,
आ ज़रा इत्मीनान से किसी ख़ास का इंतज़ार करें !!

Poems About life in Hindi
Poems About life in Hindi

रूढूँगा मैं तुमसे इक दिन इस बात पे
जब रूठा था मैं तो मनाया क्यूँ नही

कहते थे तुम तो करते हो मुझसे प्यार
जो दिखाया मैने नखरा तो उठाया क्यूँ नही

मुहँ फेर कर जब खडा था मैं वहां बुलाकर
पास सीने से अपने लगया क्यूँ नही

पकड कर तेरे हाथ पुहूँगा मैं तुमसे हक
अपना मुझ पर तुमने जताया क्यूँ नही

इस धागे का एक सिरा तुम्हारे पास भी तो था
उलझा था अगर मुझसे तो तुमने सुलझाया क्यूँ
नही.!

Poems About life in Hindi
Poems About life in Hindi

तुम रोक न पाओगे कभी भी मेरी यादों को
तुम रोक न पाओगे नीदों में आने से मेरे ख्वाबों को

तेरा नाम लेकर जो पुकारती है सिर्फ तुम को
तुम रोक न पाओगे मेरी उन आवाजों को

जिसने भिगोया था हमे पहली ही मुलाकात में
तुम रोक न पाओगे सावन की उन बरसातों को

तुझे पाने के लिए मैंने की है जो खुदा के आगे
तुम रोक न पाओगे मेरी उन फरियादों को

दिन तो जैसे तैसे कट जाएगा तुम्हारा पर
तुम रोक न पाओगे बैचेन करती उन तन्हा रातों को

मोहब्बत में जो तुमने तोड़ दिए थे यारा
तुम रोक न पाओगे याद आने से उन वादों को..!

Hindi Poems on Zindagi
Hindi Poems on Zindagi

Hindi Poems on Zindagi


भूलकर खुद के ख्वाबों को आधे रास्ते में तुम
ज़माने भर की बातों में उलझे बैठे हो….. …

कह रहा है दिल तुमसे कुछ दिल की बातें.
तुम छोड़ मायने उनके, उनके शब्दों में उलझे बैठे हो ….

हर दिन इक नया दिखा रहा है नज़राना तुमको
तुम हो कि पिछले दिनों की यादों में उलझे बैठे हो

तुम कैसे जानोगे हाल भला दिल का उनके …..
तुम तो बस उनकी आंखों में उलझे बैठे हो.

भूल कर खुद के ख्वाबों को आधे रास्ते में तुम ….
ज़माने भर की बातों में उलझे बैठे हो……

Hindi Poems on Zindagi
Hindi Poems on Zindagi

किसी दिन जिंदगानी में करिश्मा क्यूँ नहीं होता
मैं हर दिन जाग तो जाता हूँ ज़िंदा क्यूँ नहीं होता

मिरी इक जिंदगी के कितने हिस्सेदार हैं लेकिन
किसी की जिंदगी में मेरा हिस्सा क्यूँ नहीं होता

जहाँ में यूँ तो होने को बहुत कुछ होता रहता है।
मैं जैसा सोचता हूँ कुछ भी वैसा क्यूँ नहीं होता

हमेशा तंज़ करते हैं तबीयत पूछने वाले तुम
अच्छा क्यूँ नहीं करते मैं अच्छा क्यूँ नहीं होता

ज़माने भर के लोगों को किया है मुब्तला तू ने
जो तेरा हो गया तू भी उसी का क्यूँ नहीं होता.।

Hindi Poems on Zindagi
Hindi Poems on Zindagi

जो तुझे पुकारता रहा रात के अंधकार में
वो सुबह तक मर गया तेरे इंतजार में

कोई होता तो देता जवाब किसी बात का
लाश मिली थी उसकी एक खाली मकान में

दीवारों पर तेरा नाम और हाथ में तेरी तस्वीर
उसका देख रहे थे तमाशा लोग खड़े कतार में

सुबह होती थी तेरे दर पर और रात तेरी गली
मेंकुछ ऐसी बाते हो रही है आज समाज में

उसके दो ही तो महबूब थे एक तू दूसरा खुदा
मिलता था वो तेरे घर पर या फिर मजार में

ये मोहब्बत भी अजीब चीज़ होती है दोस्तों
आशिक गुजर जाता है हर हद से उसके खुमार में

Hindi Kavita On Life
Hindi Kavita On Life

Hindi Kavita On Life

कुछ रुठे रुठे से लगते हो,
तुम कहो तो तुम्हें मनाऊं क्या

दिल का हाल बहुत बुरा है,
तुम कहो तो तुम्हें बताऊं क्या

तुम्हें लगता है प्यार कम है मेरा,
तुम कहो तो तुम्हें जताऊं क्या ।

पर अफसोस तुम कभी कुछ कहते ही नहीं,
कहते हो साथ हो पर कभी रहते ही नहीं,

दिल में दर्द है कितना,
तुम्हें रो के दिखाऊं क्या ।

तुम कभी नहीं समझोगे मुझे,
एक बार कह कर तो देखो, तुम्हें समझाऊँ क्या.!

Hindi Kavita On Life
Hindi Kavita On Life

दो पल ठहर के मेरे पास वह आया
पूछा मिली थी जो खुशी उसे क्यों ठुकराया

ऐसे में जब मैं हल्का सा मुस्कुराया
नजरें उठाई और तब सवाल ठुकराया

जवाब सुनकर वह भी रोने लगा कहीं
ना कहीं मेरे दर्द में खोने लगा

मेरे भाई हसा नहीं कभी खुद के लिए
जिया हो जिंदगी पर ना कभी अपने लिए

इस खुशी का एक ही इंसान मोहताज
था मेरी जान मेरी धड़कनों का वो ताज था..

आखिर खत्म हो गया एक किस्सा मेरी जिंदगानी
का पर नाज रहेगा हमेशा अपनी कहानी पर ।

Hindi Kavita On Life
Hindi Kavita On Life


अजीब सी कशमकश है जिंदगी की
आज क्या है और कल क्या हो जाएगी!

एक पल में बदल जाती है जिंदगी यहां
जो है राहें वो कल कहां नजर आयेंगी !

धुंधला धुंधला सा है शमा आज यहां
जो लम्हा है संग वो भी गुजर जायेगा !

पर थोड़ी उम्मीद तो अभी बाकी है।
कि ये जीवन मेरा भी संभल जाएगा!

कभी कोई तो होगा मेरा भी जीवन में
जो यहां मेरा सिर्फ मेरा कहलाएगा!

सहारा बनेगा मेरा वो इस जीवन में
मेरी जिंदगी में भी वो लम्हा आयेगा.!

Hindi Poems On Life by famous poets

जो बंद होती है आँखे, तुम नज़र आती हो
जब खुल जाती है आँखे, तुम तब भी दिख जाती हो

जाने क्या जादू किया है, मुझको यूं मोहित किया हैं
और कोई आए ना आए, तुम याद ज़रूर आती हो

शायद तुमको लगता होगा, तारीफे ज्यादा हो जाती है
क्या करू तुमको देखकर, तारीफ निकल ही जाती है।

जो प्यारी सी सूरत है, उतनी प्यारी सीरत है।
ऐसी प्यारी कोई नहीं, जो प्यारी तुम लगती हो।

जानता हूं ना होगा ये, फ़िर भी अपनी लगती हो
जाने क्यों मेरे सफ़र की, हम सफर तुम लगती हो ।

मन करता है रोज़ाना, आया करू तेरी गली,
कहीं तू गली में, बदनाम ना हो जाए।

सोचता हूं के बुलालु, तेरे घर के बाहर तुझे,
कहीं तेरी दूसरों से पहचान ना हो जाये।

दिल चाहता है मिलने को, गले लगने को तुझे
कहीं छुपी मोहब्बत, सरेआम ना हो जाए।

हश्र देख कर आशिकों के, डर लगता है थोड़ा
कहीं उन जैसा मेरा भी अंजाम ना हो जाए।

पहली बार है शायद, दिल में मोहब्बत सा थोड़ा
कहीं फिर इन जज़्बातो का, काम तमाम ना हो जाए।

स्कूल के दिनों की बड़ी प्यारी यादें हैं
हर पल में मुस्कान देने वाली यादें हैं

स्कूल के सारे दोस्त भी सबसे सच्चे
ज़िन्दगी में स्कूल के दिन सबसे अच्छे

होमवर्क के अलावा कोई चिंता नहीं
डांट मिले टीचर से जिसमे द्वेष नहीं

तब लगता था जाने कब कॉलेज में जाएंगे
कब पढ़ना लिखना छोड़ कर पैसा कमाएंगे।

लेकिन अब वो स्कूल फिर याद आता है
टीचर और होमवर्क सब याद आता हैं।

ऑफिस की प्रेजेंटेशन से होमवर्क ही अच्छा था
बॉस की फटकार से टीचर का डंडा अच्छा था

कमाने के दिन से तो स्कूल के दिन अच्छे थे
कितने प्यारे थे वो दिन जब हम बच्चे थे.!

Life Poems in Hindi

कई किस्से चढ़ गए वक्त की भेंट
पर कुछ किस्से हैं जो पुराने नहीं होते

काश थोड़ा और रो लेते दर पर तुम्हारे
आज आंखों में आंसू छुपाने नहीं होते

उसने कहा भूल जाओ और यह भी ना सोचा
छोड़ने के जैसे भूल जाने के बहाने नहीं होते

वह पूछते हैं हाल मेरा, कोई बताओ उन्हें
सूखे दरख्तों के डाल झुकाने नहीं होते

हैरां हो क्यों हमें चुपचाप गुमसुम देखकर
हम कटी पतंग हैं हमारे ठिकाने नहीं होते

अब जो जा रहे हो तुम, एक बात याद रखना
प्यार सभी करते हैं, सभी दीवाने नहीं होते..!

शहर में झांकती उदास शाम को देखा है
आवारा सड़कें गलियां को बदनाम देखा है

बड़ा मशहूर था एक शख्स क़िस्सों में यंहा
हमने उसकी मौत को भी गुमनाम देखा है

सराफत के नाम से मशहूर था जो कभी
चंद सिक्कों में उसको होते बेईमान देखा है

दीवारों पे लिख रखे हैं सबने नाम यंहा
चैन से जीने वाले को हमने बेनाम देखा है।

कश्ती तेरा नसीब चमकदार कर दिया
इस पार के थपेड़ों ने उस पार कर दिया

अफवाह थी की मेरी तबियत ख़राब हैं
लोगो ने पूछ पूछ के बीमार कर दिया

रातों को चांदनी के भरोसें ना छोड़ना
सूरज ने जुगनुओं को ख़बरदार कर दिया

रुक रुक के लोग देख रहे है मेरी तरफ
तुमने ज़रा सी बात को अखबार कर दिया

इस बार एक और भी दीवार गिर गयी
बारिश ने मेरे घर को हवादार कर दिया

बोल था सच तो ज़हर पिलाया गया मुझे
अच्छाइयों ने मुझे गुनहगार कर दिया

दो गज सही ये मेरी मिलकियत तो हैं
ऐ मौत तूने मुझे ज़मीदार कर दिया.।

काश जिंदगी मेरी कोई किताब होती,
जिक्र तुम्हारे पन्नो को में फाड़ देती

स्याही जिस कलम की ईसतमाल होती,
उस काँच की शीशी को में उजाड़ देती ।

सहारा क्यो दिया तुमने,
जबकि खुद को में संभाल लेती ।

हां गिरती कही बार, चूने मेरे रास्तो पर
लेकिन विश्वास है मुझे, खुद को में संभाल जाती ।

दिखावे कि तुम्हारे उन बातो को,
काश, पहले ही में पहचान पाती ।

जाहिर कर देते वो राज़,
जो दिल मे थे तुम्हारे ।

सच कहती हूँ,
अपने जिक्र को भी,

तुम्हारे (जिन्दगी की ) किताब में टाल देती ।

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